हरिद्वार । सहायक परियोजना निदेशक नलिनीत घिल्डियाल जिला मिशन प्रबंधक एन.आर.एल.एम. हरिद्वार द्वारा पंजाब नेशनल बैंक, बेलड़ा शाखा रुड़की में स्वयं सहायता समूहों की सी. सी. एल. की प्रगति की वास्तविक स्थिति की जानकारी प्राप्त करने हेतु देर सायं को सम्पर्क किया गया।
ए.पी.डी. द्वारा शाखा प्रबंधक पुष्पराज चौहान से वार्ता की गई और सी.सी.एल. को समयबद्ध तरीके से कराने हेतु अनुरोध किया गया। कि आज कितने समूहों की सी. सी.एल. की जायेगी, जनपद स्तर पर बने हुए बैंक सखी वाट्सअप ग्रुप में यह जानकारी दे दी होती कि ए.पी.डी. द्वारा शाखा प्रवन्धक से फील्ड ऑफिसर से इस विषय में, वार्ता की जानी है और उन 04 समूहों के सी.सी.एल. खाते खोलने की जिनकी पूर्ण पत्रावलियां बैंक में जमा थीं।
ए.पी.डी. के द्वारा बैंक में निरीक्षण किया गया बैंक सखी से यह विवरण प्राप्त किया कि कितने समूहों की पत्रावली पूर्ण जमा हैं, तब उनसे उन समूहों के पदाधिकारियों को बैंक में बुलाने के लिए कहा गया। उन्होंने उन समूहों से बात की तो किसी भी समूह के रेशमा एसएनजी, पूर्वा एसएनजी रहमतपुर, भोला एसएनजी बेलड़ी, कादरी एसएनजी बेलड़ा के पदाधिकारी उपलब्ध नहीं थे।
फ़ील्ड ऑफिसर ने अवगत कराया कि वह आज दो समूहों के खाते खोल देंगे उनसे चारों समूहों के खाते खोलने का अनुरोध किया गया और उनके द्वारा पत्रावलियों को चेक करना शुरू कर दिया है। इन सभी समूहों की पत्रावलियां समस्त अभिलेखों को लगाकर (चैक लिस्ट के अनुसार) बैंक में इसी सप्ताह जमा करने के निर्देश ए.पी. डी. द्वारा बैंक सखी और सक्रिय महिला को दिये गये है।
इनमें छः समूहों में से खुदा और अर्पण दिव्यांग समूह हैं। मुस्कान एसएनजी एनपीए हो गया था, लेकिन इसका सारा बकाया पैसा जमा करा दिया गयाः है, दो महीने से अधिक समय हो गया है। बैंक सखी ने बताया कि शाखा प्रवन्धक ने कहा है कि उस समूह की सी सी. एल. 3 माह बाद होगी जिस विषय में बैंक का निर्णय माना जायेगा।
ए.पी.डी. द्वारा समूहों की सी. सी.एम. की प्रगति समीक्षा में उस बिन्दु से समीक्षा प्रारम्भ की जाती है कि उस बैंक विशेष में कुल कितने समूहों के खाते हैं। प्रत्येक एसएनजी की सी. सी.एल. कराई जानी है ताकि एसएनजी के पास अपने सदस्यों को आर्थिक मदद करने हेतु धनराशि की उपलब्धता हो। जिन एसएनजी की सी सी एल की दूसरी व तीसरी डोज़ होनी है उनके द्वारा ऐसे सदस्यों को इसमें से रू0 75,000 प्रति सदस्य जिसे अपना उद्यम बढ़ाने या स्थापित करने हेतु आधक धनराशि की आवश्यकता है, ऋण दिया जा सकता है। इसे भारत सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष से इंटर प्राइसेस फाइनेंशिंग स्कीम के रूप में प्राविधानित किया गया है। इसके विषय में सभी बैंक सखी को जनपद स्तर पर आयोजित एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यशाला में विस्तार से बताया गया था अेण् बैंक सखी ग्रुप में भी बार-बार बताया जा रहा है। जिन समूहों में कुछ सदस्य यह कहकर कि उन्हें सी. सी. एल. की आवश्यकता नहीं है, इसलिए वे समूह की सी. सी. एल. की कार्रवाई में सहयोग नहीं कर रहे हैं। बैंक सरखी, सक्रिय महिला, आई. पी. आर. पी. और स्टाफ के माध्यम से यह श्समझाया जा रहा है कि समूह की सी. सी. एल. कराये।
उन्होंने यह भी बताया कि जो सदस्य सी. सी. एल. से जितना ऋण लेंगे उन्हीं को व्याज के साथ उसे वापस करना होगा साथ ही उन्हें यह भी बताया जा रहा है कि अपनी आय में वृद्धि करने हेतु उन्हें आजीविका गति.विधियों को अपनाना चाहिए जिसके लिए समय-समय पर प्रशिक्षण भी आयोजित किये जाते हैं आगे चलकर अपना काम शुरू करने या अभी चल रहे काम को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें धनराशि की आवश्यकता होगी जो सी.सी.एल. से ली जा सकती है। बाकी समूहों का विवरण वह नहीं दे पाई। उनका कहना है कि उनसे पहले इस बैंक में जो बैंक सखी थी यह विवरण उनके पास होगा। उन्हें बताया गया सरवी है इसा लिए में व्यवस्थित कर लें, वह सभी एसएचएस कि वर्तमान में वह का स्थिति अपनी पंजिका बैंक सखी तथा वहाँ उपास्थित सक्रिय महिला और कुछ समूह पदाधिकारियों को चैक भरने की सही विधि बताई गई साथ ही बैंक सखी को पंजिका में सभी समूहों का ग्राम पंचायतवार विवरण व्यवस्थित करने हेतु भी बताया गया।
’ बी.एम.एम. रुड़की इस बैंक में सभी अवशेष समूहों में से सी. सी. एल. हेतु आवेदन कराते हुए समस्त अभिलेखों चैक लिस्ट के अनुसार, पत्रावलियां पूर्ण कराकर बैंक सखी के माध्यम से बैंक में जमा कराना सुनिस्चित करेंगी।
बैंक सखी को कहा गया है कि प्रगति से नियमित रूप बैंक सखी ट्रेनिंग वाट्स अप ग्रुप में रिपोर्ट से कर अवगत करायेंगी,
शाखा प्रबंधक से अनुरोध किया गया कि जो पत्रावलिया आयेंगी उन्हें बैंक में प्राप्त करातें एवं उन सभी समूहों की सीसी.एन. एक निर्धारित समय सीमा में निस्तारित करने हेतु आवश्यक कार्रवाई करने का कष्ट करेंगे उनके द्वारा सहयोग करने का आश्वासन दिया गया है।
बैंक की गई कार्यवाही एवं कैडर व स्टाफ बीएमएमयू को दिये गये निर्देश व शाखा फील्ड ऑफिसर से की गई वार्ता के क्रम में प्रगति एवं समस्त कार्य पूर्ण होने तक एपीडी. द्वारा अनुश्रवण किया जायेगा।
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